On the 50th earth day, a 14 year old Scottish high school student, Divvyesh Ramesh wrote a beautiful poem on the importance of water:
पानी à¤_x008f_क à¤_x0090_सी चीज़ है
जिसके बिना जीना असंà¤à¤µ है
कà¥_x0081_छ लोग गाते हैं "आज बà¥_x008d_लू है पानी पानी"
और कà¥_x0081_छ सोचते हैं
"काश मिल जाà¤_x008f_ आज थोड़ा सा पानी।"
यदि गनà¥_x008d_दा पानी पिà¤_x008f_ंगे हम नल से
बीमार पड़ेंगे बस दो पल में
पानी सदा साफ पीना है
हमें सà¥_x008d_वसà¥_x008d_थ सदा रहना है।
फालतू में जल नहीं हैं बहाना
घंटे à¤à¤° हमें नहीं है नहाना
पानी अब बन गया है सीमित
हल जलà¥_x008d_दी ढूंढना है यदि रहना है हमें जीवित।
टपकते नलों का जलà¥_x008d_दी मरमà¥_x008d_मत करना है
बारिश के जल का संगà¥_x008d_रहण करना है
हर à¤_x008f_क घर को पानी पहà¥_x0081_à¤_x0081_चाना है
इस जल के बिना à¤à¥€ कà¥_x008d_या जीना है।
समà¥_x0081_दà¥_x008d_रों में पà¥_x008d_रदूषण नहीं फैलाना है
मछलियों आदि के घरों को बचाना है
कà¥_x0081_छ लोग गाते हैं की "आज बà¥_x008d_लू है पानी पानी"
और कà¥_x0081_छ सोचते हैं
"काश मिल जाà¤_x008f_ आज थोड़ा सा पानी।"
-Divvyesh Ramesh
दिवà¥_x008d_वà¥_x008d_येश रमेश